गुरुग्राम में एओआई ने दुर्लभ रक्त विकार के इलाज में सफलता पाई
टार्गेटेड एप्रोच के साथ दुर्लभ रक्त विकार का सफल उपचार करने में सफलता प्राप्त की एओआई, गुरुग्राम ने
दिल्ली: प्रिसीजन मेडिसन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, गुरुग्राम स्थित अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट (एओआई) ने एक 65 वर्षीय महिला का सफलतापूर्वक इलाज किया, जो एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटोसिस नामक एक दुर्लभ हेमटोलॉजिकल विकार से पीड़ित थी। सफल इलाज का यह महत्वपूर्ण मामला लाइफ-चेंजिंग केयर प्रदान करने में टार्गेटेड उपचार और एडवांस्ड जेनेटिक टेस्टिंग की ताकत को दर्शाता है।
रोगी, पहले से ही हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित था, और बीते चार महीनों से उसको लगातार सिरदर्द और मसूड़ों से हल्का खून बहने की शिकायत हो रही थी। जांच करने पर, उसका ब्लडप्रेशर काफी हाई पाया गया और आगे के टेस्टों से पता चला कि उसके प्लेटलेट काउंट में गंभीर वृद्धि हुई थी, जो प्रति माइक्रोलीटर रक्त में 15 लाख से अधिक थी, साथ ही उसे हल्का एनीमिया भी था। एडवांस्ड जेनेटिक टेस्टों ने एक स्पेसफिक म्यूटेशन की पहचान की, और बोन मेरो बायोप्सी ने एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटोसिस के डायग्नोसिस की पुष्टि की, जो एक दुर्लभ स्थिति है, जिसके वार्षिक मामले प्रति 100,000 लोगों में केवल 1 से 2.5 ही है।
हरीश त्रिवेदी, सीईओ, सीटीएसआई–साउथ एशिया ने जोर देकर कहा कि “एओआई अपने अत्याधुनिक डायग्नोसिस और उपचारों को अपनाकर कैंसर और हेमटोलॉजिकल केयर में स्टैंडर्ड स्थापित करना जारी रखता है। यह मामला हर मरीज को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के हमारे समर्पण को दर्शाता है।”
डॉ. (ब्रिगेडियर) ए.के. धर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, एओआई गुरुग्राम ने बताया कि “एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटोसिस एक्सक्लूजन का डायग्नोसिस है, जिसे हाई प्लेटलेट काउंट के अधिक सामान्य कारणों से अलग करने के लिए विस्तृत जेनेटिक और क्लीनिक स्टडीज की आवश्यकता होती है। उपचार में प्लेटलेट के स्तर को कम करने और थक्के या रक्तस्राव जैसी जटिलताओं को रोकने के लिए टार्गेटेड साइटोरिडक्टिव थेरेपी शामिल है।”
रोगी का इलाज हाइड्रोक्सीयूरिया, एक एडवांस्ड साइटोरिडक्टिव दवा और एंटीप्लेटलेट एजेंटों के साथ किया गया था। कुछ हफ़्तों के भीतर, मरीज की प्लेटलेट काउंट सामान्य हो गई और अब वह स्थिर है।
एडवांस्ड केयर के लिए एओआई की प्रतिबद्धता के बारे में बात करते हुए, डॉ.अमित धवन, रीजनल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (आरसीओओ), एओआई गुरुग्राम ने कहा कि “यह मामला दुर्लभ विकारों के इलाज में प्रिसीजन मेडिसन और हमारे मल्टी-डिस्प्लनरी दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाता है। जेनेटिक इनसाइट्स का लाभ उठाने की हमारी क्षमता यह सुनिश्चित करती है कि रोगियों को सटीक डायग्नोसटिक और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी उपचार प्राप्त हों।”
एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटोसिस एक दुर्लभ रक्त विकार है, जिसकी विशेषता प्लेटलेट्स का अत्यधिक उत्पादन है, जिससे थक्के जमने (क्लॉटिंग) या रक्तस्राव यानि ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। डायग्नोसिस के लिए जेनेटिक स्टडीज और बोन मेरो जांच सहित व्यापक परीक्षण के माध्यम से संक्रमण, आयरन की कमी या मेलिंगनेसीज जैसे अन्य कारणों को खारिज करना आवश्यक है।
डॉ. धर ने अंत में कहा कि “यह सफल परिणाम समय पर डायग्नोसिस और सबसे दुर्लभ स्थितियों के प्रबंधन में एडवांस्ड उपचारों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। एओआई में, हम रोगियों को प्रिसीजन मेडिसन के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”