पांच वर्षों की सफलता: फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क द्वारा कौशल विकास और नीति क्रियान्वयन का सशक्तिकरण

नई दिल्ली, 20 मार्च, 2025 : फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (एफआरएसएन-FRSN) ने भारत के स्किल इकोसिस्टम में क्रमिक बदलाव लाने के पांच साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। यह एक माइलस्टोन है, जिसने नीति निर्माण को नया रूप देने, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को आधुनिक बनाने और एक भविष्य-उन्मुख कार्यबल (वर्कफोर्स) तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2019 में अपनी स्थापना के बाद से, एफआरएसएन एक प्रभावी साझेदारी मंच के रूप में उभरा है, जहाँ एक्सेंचर, सिस्को, जेपी मॉर्गन चेस और एसएपी लैब्स इंडिया जैसी वित्तीय भागीदार कंपनियों ने मिलकर स्किल डेवलपमेंट में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में काम किया है। इस सामूहिक प्रतिबद्धता के चलते प्रशिक्षण महानिदेशालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ मजबूत साझेदारी संभव हो सकी। सरकार, नागरिक संगठनों और उद्योग जगत को एक साथ जोड़कर, एफआरएसएन ने कौशल विकास तंत्र में सुधार लाने और आवश्यक जरूरतों को पूरा करने का कार्य किया है।
मांग-आधारित कौशल विकास की चर्चा अब राष्ट्रीय स्तर पर जोर पकड़ रही है। ऐसे में, एफआरएसएन की यह पांच साल की यात्रा यह दिखाती है कि केंद्र और राज्य स्तर पर मंत्रालयों के सहयोग से की गई रणनीतिक साझेदारियों ने नीति निर्माण और उसके क्रियान्वयन में ठोस बदलाव किए हैं। एफआरएसएन के प्रयास आईटीआई के उन्नयन और व्यावसायिक प्रशिक्षण को मजबूत करने की सरकार की योजनाओं के अनुरूप हैं। आगे, उद्योगों का आईटीआई के साथ वास्तविक दुनिया के जॉब मार्केट के अनुसार बेहतर तरीके से जोड़ने, प्रशिक्षक विकास को कौशल विकास के स्तम्भ के रूप में स्थापित करने एवं दीर्घकालिक बदलाव हेतु नीति क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।
एफआरएसएन की अनूठी पहल: प्रणालीगत बदलाव के लिए साझेदारी
एफआरएसएन ने एक ऐसा विशेष मंच तैयार किया है, जहाँ नीति-निर्माता और उद्योग जगत के विशेषज्ञ मिलकर कौशल विकास के भविष्य को आकार दे रहे हैं। यह दृष्टिकोण कौशल प्रणाली को अधिक मांग-आधारित बनाने, उद्योग की जरूरतों को पाठ्यक्रम में शामिल करने और नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायक रहा है। प्रशिक्षकों के कौशल विकास में सुधार लाकर आईटीआई विद्यार्थियों को बदलते जॉब मार्केट के अनुरूप तैयार किया गया है, जिससे सरकार की कौशल विकास नीतियाँ वास्तविक जरूरतों और चुनौतियों से जुड़ सकें।
प्रशिक्षण महानिदेशक, सुश्री त्रिशालजीत सेठी ने भारत के कौशल विकास तंत्र को नई दिशा देने में एफआरएसएन जैसी साझेदारियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ” एफआरएसएनहमारे मजबूत, उद्योग-संरेखित कौशल विकास तंत्र के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। राज्य सरकारों, उद्योग जगत और प्रशिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर इसने यह सुनिश्चित करने में मदद की है कि आईटीआई केवल प्रशिक्षण केंद्र न रहकर रोजगार के सशक्त मंच बनें। जैसे-जैसे हम आईटीआई को और अधिक सक्षम और प्रेरणादायक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे सहयोग पूरे भारत के युवाओं के लिए कौशल विकास को अधिक प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।”
क्षितिजा कृष्णास्वामी, मैनेजिंग डायरेक्टर, कॉर्पोरेट सिटिजनशिप – एशिया पैसिफिक, एक्सेंचर, ने कहा, “डिजिटल अर्थव्यवस्था में उद्योगों के बदलते स्वरूप के साथ, सभी क्षेत्रों में नए कौशल की जरूरत बढ़ेगी। इन कौशलों को विकसित करने के लिए नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और उद्योग जगत को मिलकर काम करना होगा। हमें इस बात पर गर्व है कि हमने एफआरएसएन के संस्थापक सदस्य के रूप में अपनी साझेदारी के पांच वर्ष पूरे किए हैं, जिसने भारत में आईटीआई विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशल, डिजिटल समझ और रोजगार की बाधाओं को दूर करने में मदद की है।”
आकाश सेठी, सीईओ, क्वेस्ट एलायंस, ने आईटीआई और प्रशिक्षकों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “आईटीआई का कायाकल्प केवल बुनियादी ढांचे या पाठ्यक्रम के उन्नयन तक सीमित नहीं है। इसका असली उद्देश्य प्रशिक्षकों और विद्यार्थियों को ऐसे कौशल से लैस करना है, जो उन्हें बदलते रोजगार परिदृश्य में आगे बढ़ने में सक्षम बनाए। एफआरएसएन ने प्रशिक्षकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वे केवल प्रशिक्षण देने वाले नहीं बल्कि बेहतर करियर के लिए मार्गदर्शक बनें। भविष्य में हमारा फोकस आईटीआई को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप अधिक व्यावहारिक बनाने और हर युवा, विशेषकर महिलाओं, को भविष्य के अनुरूप कौशल उपलब्ध कराने पर रहेगा।”
आगे की राह: उद्योग जगत की भागीदारी बढ़ाना और आईटीआई सुधार
आने वाले समय में, एफआरएसएन का मुख्य ध्यान उद्योग साझेदारी को सुदृढ़ करना और आईटीआई को वास्तविक जॉब मार्केट की जरूरतों के अनुरूप बनाना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कौशल विकास की पहल केवल प्रमाणपत्र तक सीमित न रहे, बल्कि वह वास्तविक रोजगार के अवसरों में भी बदले।
सरकार द्वारा आईटीआई अपग्रेडेशन योजना पर नए सिरे से जोर दिए जाने के साथ, एफआरएसएन नीति निर्माण और उसके क्रियान्वयन के बीच सेतु की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। प्रशिक्षकों का कौशल विकास इस पूरी प्रक्रिया का केंद्रबिंदु बना रहेगा, ताकि वे अगली पीढ़ी के कुशल पेशेवरों को तैयार कर सकें।
फ्यूचर स्किल्स फोरम 2025 इस अगले चरण के लिए एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। यह मंच नीति-निर्माताओं, वित्तीय भागीदारों, उद्योग जगत के लीडरों और प्रशिक्षण संस्थानों को एक साथ लाकर भारत में कौशल विकास के भविष्य को नई दिशा देने का काम करेगा।