महिला होकर अगर मैंने महिलाओं की आवाज बुलंद नहीं की तो क्या किया- प्रो. रीता बहुगुणा जोशी

- नरेंद मोदी की डिप्लोमेसी की पावर दुनिया ने यूक्रेन वार में देखी है
- मोदी जी की वजह से युद्ध विराम हुआ और वहाँ फँसे भारतीय छात्रो को निकला गया
- ”मोदी की विदेश नीति “ और “महिला सशक्तिकरण “ पर परिचर्चा आयोजित
नई दिल्ली । प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि महिला होकर अगर मैंने महिलाओं की आवाज को बुलंद नहीं कर पायी तो क्या किया? इसलिए मेरा बोलना जरूरी है महिला सशक्तिकार पर । उन्होंने यह बात कु. राजीव रंजन सिंह की किताब “महिला सशक्तिकरण “ और “मोदी की विदेश नीति “ पर आयोजित परिचर्चा में कही । कार्यक्रम का आयोजन आईसीपीआरडी की ओर से किया गया था । आईसीपीआरडी के अध्यक्ष कुमार राजीव रंजन सिंह द्वारा लिखित इन पुस्तकों का प्रकाशन डायमंड बुक्स ने किया है। कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित इस परिचर्चा में पूर्व सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी,, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू, शांभवी पीठ के पीठाधिश्वर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज, गुजरात के पूर्व गृह मंत्री नरेश रावल, लेखक कुमार राजीव रंजन सिंह समेत बड़ी संख्या में पत्रकार, लेखक और विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जैनेंद्र सिंह ने किया। महिला सशक्तिकरण पुस्तक का संपादन वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार ने किया है, जबकि मोदी की विदेश नीति का संपादन संजय सिंह ने किया है।
इस मौके पर प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से चर्चा की और बताया कि लेखक ने किस प्रकार इन प्रयासों को सहज, तथ्यपरक और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ‘महिला सशक्तिकरण’ पुस्तक को अत्यंत गंभीरता से पढ़ा है। यह मात्र वर्तमान सरकार की नीतियों और प्रयासों का दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह अतीत से लेकर आज तक के सशक्तिकरण आंदोलन की गहराई से रूपरेखा खींचती है। यह पुस्तक न केवल जानकारी देती है, बल्कि पाठकों को प्रेरित भी करती है।’’
उन्होंने मोदी जी की विदेश नीति का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह से यूक्रेन युद्ध में भारतीय छात्र फंसे हुए थे और उनको निकालने की कोई सूरत नहीं दिख रही थी क्योंकि दोनों ही देश युद्ध रोकने को तैयार नहीं थे । ऐसे हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पुतिन और जेलेंस्की से बात की और उसके बाद युद्ध रुका और भारत के छात्रो को वहाँ से निकाला गया । मोदी जी की इस डिप्लोमेसी का दुनिया ने दादा मानी ।
शांभवी पीठ के पीठाधीर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने लेखक को बधाई देते हुए भविष्य में विभिन्न सामजिक विषयों पर किताब लिखने को प्रेरित किया है। उन्होंने दोनों ही किताब पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम देशों में गीता की पढाई जा रही है। यह हम सनातनियों के लिए बड़ी बात है।
श्याम जाजू ने कहा कि ‘‘भारत के नागरिक के पासपोर्ट की आज वैिक स्तर पर एक नई पहचान बनी है। जब हम विदेशों में जाते हैं और लोग यह जान पाते हैं कि हम भारत से हैं, तो उनके देखने का नजरिया बदल जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में ऐसे प्रभावशाली कार्य किए हैं, जिनके कारण भारत को वि का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है। मोदी जी ने हमेशा कहा है कि हमारे देश को कोई नीचे न देखे-और आज यह आत्मविास उनकी विदेश नीति के कारण साकार हो रहा है।‘‘ उन्होंने कहा कि ‘मोदी की विदेश नीति’ पुस्तक में लेखक कुमार राजीव रंजन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की वैिक रणनीतियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती साख को विस्तार से प्रस्तुत किया है।वरिष्ठ भाजपा नेता नरेश रावल ने भी लेखक को बधाई देते हुए ऐसे ही अन्य विषयों पर कलम चलाने के लिए कहा।
कुमार राजीव रंजन सिंह की पुस्तक ‘महिला सशक्तिकरण‘ में बताया गया है कि भारत के चौतरफा विकास में महिलाओं का योगदान अनमोल रहा है। बीते एक दशक में केंद्र सरकार की योजनाओं और कानूनी सुधारों-जैसे निर्भया कानून (2013), हिंदू उत्तराधिकारी अधिकार अधिनियम में संशोधन और तीन तलाक पर रोक-ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविासी बनाया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से महिलाओं का जीवन स्तर और दृष्टिकोण दोनों बदले हैं। इस मौके पर सभी विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया ।