कैंसर के इलाज में योग की भूमिका पर हुआ अंरराष्ट्रीय सम्मेलन
- कैंसर के डाक्टरों ने कैंसर के इलाज में योग की भूमिका पर दिया जोर
- दुनियाभर के डाक्टर हुए शामिल
- तीन दिनों तक चलेगा सम्मेलन
दिल्ली- कैंसर के बढते मामले को देखते हुए इस बीमारी से किस तरह से निपटा जाए इसको लेकर कैवल्यधाम योग संस्थान में दुनिया भर से आये डाक्टरों ने कैंसर के इलाज में योग की योगदान पर अपने बिचार रखे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का आयोजन कैवल्यधाम योग संस्थान की ओर से किया गया है। संस्थान की ओर से आयोजित होने वाला यह 11वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है। सम्मेलन में शामिल कई विशेषज्ञों ने आधुनिक कैंसर के इलाज में योग की भूमिका पर जोर दिया।
कैवल्यधाम के सीईओ सुबोध तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि उनकी संस्थान ने कैंसर के इलाज में योग का उपयोग दशकों से करता आ रहा है और वह उसका उपयोग करने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कैवल्यधाम संस्थान कैंसर के इलाज में योग को एकीकृत करने और सार्थक शिक्षा को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस सम्मेलन ने दुनिया भर के बेहतरीन शोधकर्ताओं और योग शिक्षक एक साथ आये हैं और अपने विचार और अनुभव साझा किया है जो कैंसर के इलाज में बड़ी भूमिका निभायेगा।
डा. खालसा ने योग अनुसंधान के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि अब यह सही समय है जब गहन शोध के जरिए योग कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण सहायक के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकता है। वहीं डॉ. गोपीनाथ ने स्वास्थ्य सेवा में कैवल्यधाम के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि एक ऐसा समय आएगा जब अस्पताल बीमारी के बजाय स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने बीमारियों को कम करने के लिए नीतियों को लागू करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि लोगों के लिए अस्पताल एक सपना नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य एक रोग मुक्त दुनिया बनाने का है, जहां प्राथमिक ध्यान स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने पर हो।
मुख्य अतिथि टाटा मेमोरियल सेंटर के कैंसर सर्जन डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कैवल्यधाम के 100 वष्रो के काम एवं कैंसर की रोकथाम के साथ-साथ कैंसर से बचे लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में योगदान की सराहना की। उन्होंने सुबोध तिवारी को एक डॉक्टर के रूप में संबोधित किया, क्योंकि उनकी संस्थान ने काफी लोगों के जीवन को बचाने और सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने स्वस्थ्य जीवन में योग की भूमिका को दोहराया और लोगों से प्राकृतिक जीवन जीने की ओर लौटने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि योग व्यायाम से कहीं अधिक बेहतर है। यह जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने कैवल्यधाम द्वारा इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।
कैवल्यधाम की हाउसकीपिंग स्टाफ सदस्य और कैंसर सर्वाइवर सुनीता ने अपनी प्रेरक यात्रा साझा किया। उन्हें टाटा मेमोरियल सेंटर के कैंसर सर्जन डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने सम्मानित किया। डॉ. लोरेंजो कोहेन, यूनिर्वसटिी ऑफ टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर में क्लिनिकल कैंसर प्रिवेंशन में प्रतिष्ठित प्रोफेसर और इंटीग्रेटिव मेडिसिन प्रोग्राम के निदेशक ने मुख्य भाषण दिया। उसमें योग की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करने वाले महत्वपूर्ण शोध पेश किए। प्रो. (डॉ.) शुभदा चिपलूनकर टाटा मेमोरियल सेंटर के पूर्व निदेशक ने इम्यूनोलॉजी में अपने व्यापक कार्य के साथ साझा किया।